Alok Yadav -Author page
लहरें जब भी बिछडती है सागर से बोला करती है आधोश में तुम्हारे सुकून मिलता है दूर होते हैं जब तुमसे मन बैचेन हो उठता हैं|

लहरें जब भी बिछडती है सागर से बोला करती है आधोश में तुम्हारे सुकून मिलता है दूर होते हैं जब तुमसे मन बैचेन हो उठता हैं|